Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
निष्क्रियता: मंत्र का उच्चारण करने के बाद, आपको सक्रियता से दूर रहना चाहिए। इसके बाद शांतिपूर्वक ध्यान में बैठें और अपनी इच्छानुसार कार्य करने के लिए प्रभावित होने की कोशिश करें।
ये एक आसान सर्वजन वशीकरण मंत्र साधना है जिसके प्रयोग से आप सामने वाले को अपने आकर्षण में ला सकते है.
यंत्र को बनाने का तरीका और इसमें इस्तेमाल होने वाली चीजे इसके महत्त्व को बढ़ा देती है.
शैतान को राक्षसों और असुरों की बुरी शक्तियों के रूप में चित्रित किया जाता है। जो विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में अलग-अलग रूपों में पाई जाती है। इस्लाम में शैतान को इब्लीस या शैतान कहा जाता है। यह एक जिन्न है जिसने अल्लाह के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया था।
वशीकरण को आध्यात्मिक प्रक्रिया माना जाता है, लेकिन इसका मनोवैज्ञानिक पहलू भी है। यह व्यक्ति के अवचेतन मन को सकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित करता है, जिससे उनके विचार और भावनाएं बदलती हैं।
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
ईन्ना आत्वैना शैताना मेरी शिकल बन फलानी के पास जाना, उसे मेरे पास लाना, न लावे तो तेरी बहन भानजी पर तीन सौ तलक।
ऊं नमो भगवते कामदेवाय, यस्य यस्य दृश्यो भवामि, यश्च यश्च मम मुखम पछ्यति तत मोहयतु स्वाहा”
ऐसी स्थिति में इसका प्रयोग करना आपको अलग से उर्जा देता है.
ऐसा नहीं है की आप तिलक लगाकर बाहर निकले और सामने वाला वशीकरण की तरह व्यवहार करे. इसके here प्रभाव से सामने वाला आपकी बात नहीं काट पायेगा.
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
विधि: इस मन्त्र को किसी शुभ मुहूर्त में दस हजार बार जप करके सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग करते समय बृहस्पतिवार को प्रसन्न होकर थोड़ा-सा नमक लेकर उसे सात बार मन्त्र से अभिमन्त्रित करके जिस स्त्री को मोहित करना हो, उसके खाने-पीने की वस्तु में वह नमक मिला दें। वह स्वी साधक पर तन-मन-धन से मोहित हो जायेगी। देवदत्ती के स्थान पर साध्य स्त्री के नाम का उच्चारण करें।
इस लेख में, हम वशीकरण मंत्र के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि इसका उपयोग कैसे किया जाता है और इसके पीछे की विज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण क्या है।
विधि: किसी भी सोमवार को, चार लौंग को पान के पत्ते में लपेटकर अपने मुँह में रखें। इसके बाद, किसी नदी या सरोवर में स्नान करते हुए डुबकी लगाएँ। डुबकी के दौरान, इस मंत्र का इक्कीस बार जाप करें। फिर पानी से बाहर निकलकर मुँह में रखी हुई लौंग को निकालें और उसे धूप दिखाएं। यह लौंग जिसे भी खिला दी जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।